कोरोना लॉकडाउन :- क्यों सरकार लॉकडाउन में भी शराब के ठेके खुले रखवाना चाहती है?

कोरोना लॉकडाउन :- क्यों सरकार लॉकडाउन में भी शराब के ठेके खुले रखवाना चाहती है?

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Lock down In India

पिछले 47 दिनों से देश कोरोना जैसी महामारी के चंगुल में पूरी तरह से फस चुका हे.देश के सारे धंधे थप हो गए हे। सरकार के पास देश को बचाने का कोई जरिया नजर नहीं आ रहा हे।  सरकार की स्थिति ऐसी हो गई हे की मानो एक और खाई हे तो दूसरी ओर कुआँ ! अगर देश में से लॉकडाउन हटाए तो लोग कोरोना की वजह से मर जायेंगे और लॉकडाउन जारी रखे तो देश का गरीब और माध्यम वर्ग भुखमरी से मर जायेगा। अब सरकार करे भी तो क्या करे ?लोगो को कोरोना के संक्रमण से बचाना तो हे ही ! यूही लोगो को छोड़ तो नहीं सकते ! फिर भी हमारे देश की स्थिति दूसरे देशो की तुलना में कई गुना अच्छी पाई गई हे।

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Corona Case

लोगो को बचाने में,उनका इलाज करने में भी तो पैसा लगता हे। हालाकि सब धंधे बंध होने के कारण सरकार को मिलने वाला टैक्स आज कुछ भी नहीं हे। और सरकार को यह भी मालूम हे की शराब के ठेके खुलेगे तो तो संक्रमण फिर से तेजी से बढ़ेगा कयोकि कोरोना एक लोगो से दूसरे लोगो में फैलने वाला वाइरस हे और कोई भी Social Distancing या फिर Stay Home Stay Safe की स्ट्रेट्जी भी फॉलो नहीं करने वाला, फिर भी सरकार ने शराब के ठेको को खोलने पर मजबूर होती दिखाई पद रही हे।ऐसा क्यों ? यह बात जानने के लिए जुड़े रहे India Coverage के साथ।

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राज्य सरकारों को टेक्स की बिक्री कैसे और कहा से होती हे ?

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Tax Consumption 

आज सभी राजय सरकार पूरी तरह से घाटे में जाते दिखाई दे रहे हे क्योकि कोई भी टैक्स देने की हालत में आज नहीं हे,जी हा दोस्तों। चले तो पहले हम यह जान लेते हे की राज्य सरकारों को टेक्स की बिक्री कैसे और कहा से होती हे ? 

राज्य सरकार उनके राज्य में रहने वाले लोगो के पास से 46 % जितना टेक्स लेती हे और इस 46 % को 100 % से अनुमानित कर के देखे तो 100 % टेक्स मे से 40 % टेक्स State GST मे से लिया जाता हे। और VAT के तोर पर 21 % जितना टेक्स कलेक्शन करती हे की जो पेट्रोल और डीज़ल के माध्यम से आता हे।   तीसरी हे Excise Duty जो 12 % टेक्स होता हे, जो लिकर टेक्स (अल्कोहोल टेक्स) यानि शराब पर लगाई जाती हे।

पर लॉकडाउन के कारण यह भी बंध हो गया। और उसके बाद 5 से 6 % टेक्स Vehicle tax से लिए जाते हे, पर  आज गाड़ियों की बिक्री भी बंध हे। और Property tax  से जो टेक्स लिया जाता हे वह भी 12 % के करीब हे। इस तरह से सभी राज्य के टेक्स में 80 से 90 % की गिरावट दिखाई दी हे, क्युकी सब बंध हे। हालाकी अब में आपको पिछले साल और आज के साल में मिला हुआ टेक्स का आकड़ा नीचे दिखाना चाहता हु।

Example :-

  • पंजाब के चीफ मिनिस्टर ने कहा की पिछले साल अप्रैल में उनके पास 3300 करोड़ टेक्स के तोर पर  आया था और इस साल अप्रैल में  सिर्फ 400 करोड़ ही आया। 
  • दिल्ही के चीफ मिनिस्टर ने भी कुछ ऐसा ही कहा की पिछले साल के अप्रैल में हमारे पास 3500 करोड़ आये थे जब की इस अप्रैल में तो सिर्फ 300 करोड़ ही आए। 
तकरीबन 90 % की गिरावट सीधी। इतना लॉस कोन सी सरकार सेह सकती हे और यही कारण हे की लिकर टेक्स पर इतना ध्यान दिया गया और लॉकडाउन में ही शराब के ठेके खोल दिए गए। 


Alcohol Tax :-

हम आपको दिखाना चाहते हे की किन राज्यों ने पिछले फाइनेंसियल यर में लिकर टेक्स के माध्यम से कितनी कमाई की हे। यह आप नीचे दिए गए कोष्ठक में देख सकते हे।  

State
Previous financial year  Income by Liquor
 5000 Crore
   21000 Crore
   25100 Crore
0 Crore (प्रति बन्धित)
  15343 Crore
  10554 Crore
  10313 Crore
  0  Crore (प्रति बन्धित)

यूपी कर्णाटक और उत्तराखंड राज्य में 20 % ज्यादा टेक्स इन लिकर टेक्स (अल्कोहोल टेक्स) के रूप में आता हे। केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र के पास 10 % से कम टेक्स इन लिकर (अल्कोहोल टेक्स) के रूप में आता हे। और यदि गुजरात और बिहार की बात करे तो उन में तो शराब पर प्रतिबंद होने के कारण यहाँ  लिकर टेक्स (अल्कोहोल टेक्स) के रूप में कोई भी टेक्स नहीं आता हे। 

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Alcohol Purchasing Person

हर साल करोडो रुपये  लिकर (अल्कोहोल टेक्स) के रूप में आते देख कर सरकार ने लॉकडाउन में भी शराब के कोठे खोल ने का फैसला किया, की जिससे राज्य को पैसा मिले और महामारी से लड़ सके। पर इतना ही नहीं कई राज्य ने तो Vat बढ़ाया जो शराब खरीदने पर लगाती हे। जैसे की


  • दिल्ही सरकार ने ठेके खुलने के पहले दिन ही 70 फीसदी टेक्स बढ़ा दिया। 
  • आंधप्रदेश ने ठेके खुलने के 2 ही दिनों में 50 फीसदी टेक्स बढ़ा दिया। 

इसी तरह सोमवार को दिल्ही, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्णाटक, छतीशगढ और राजस्थान जैसे कई राज्य में ठेके खोले गए और साथ साथ टेक्स बढ़ाया गया ताकि लिकर टैक्स से मिले हुए पैसो को कोरोना जैसी बीमारियों से लड़ने में खर्चा जा सके और देश को बचाया  जा सके की जिससे देशवासियो को सुरक्षा प्रदान हो। और इस में कई राज्य ने अच्छा खासा मुनाफा भी कमाया। जैसे की कर्णाटक ने 2 दिनों में 197 करोड़ , राजस्थान ने 1 दिन में 120 करोड़ और उत्तरप्रदेश ने 1 दिन में 100 करोड़ कमाए। यानि लोगों ने शराब को ख़रीदने के लिए पैसा पानी की तरह बहा दिया।  

शराब खरीद कर देश की इकोनॉमी और फाइनांसियल स्थिति को मजबूत कर पा रहे हे। की जिससे देश की रफ्तार को फिर से चार चाँद लग जाये।


गुजरात और बिहार कैसे लॉस की भरपाई कर सकेंगे ?

अच्छा तो जिस राज्य में शराब की बिक्री हो रही हे वह राज्य तो शराब बनाने वालो से एक्साइज ड्यूटी और खरीदने वालो से Vat में टेक्स बढ़ा कर अपने लॉस की भरपाई कर सकेंगी पर जो Dry State हे वह कैसे लॉस कवर करेगी क्योकि Dry State में तो शराब पर पूरी तरह से बंद हे। जैसे की गुजरात और बिहार।

ध्यान दे :- शराब सेहत के लिए हानिकारक है 


  • वह अपने स्टेट गवर्मेंट के कर्मचारियों की तन्खा 25 % काट सकती हे। 
  • दियारनेस अलांउसिस को फ्रिज कर कर पैसा बचा ने की कोशिश की जा सकती हे। 
  • सरकारी कर्मचारी को मिलने वाली सेवाएं और Pension , Allowances को कम करना होगा जब तक इस से छुटकारा ना मिले। 

Losses को Recover करने के तरीके :-

पेट्रोल डीज़ल में सेंट्रल टेक्स और स्टेट टेक्स को बढ़ा कर लॉस को री-कवर करा जा सकता हे। की जो सरकार आज से थोड़े दिन पहले ही कर चुकी हे। सरकार ने पेट्रोल और डीज़ल के दाम कैसे और कितने बढ़ाये ये जानने के लिए आप इस पर क्लिक करे 

Ultra Rich Tex को कुछ दिनों के लिए लागु कर सकते हे की जिससे देश के बहुत अमीर लोगो के पास से टेक्स के तोर पर पैसा लेकर देश को कोरोना के चंगुल से बचा सके। 

केंद्र सरकार और राज्य सरकार फ़िज़ूल खर्ची को बढ़ावा न देकर इन पेसो से लोगो का इलाज कर सके। यानि इंडिया गेट से पार्लमेंट के रास्ते को री डेवलप करने में सरकार 20,000 करोड़ रुपये की बर्बादी करने जा रही हे। मेरे मुताबिक इसकी अभी कोई जरुरत नहीं हे। 

PM Care Fund के पैसो का इस्तेमाल कर के हो सके इतना देश के आम आदमी पर बोज ना डाला जाये। 
और अगर दूसरे टेक्स को जोड़ा जाये जैसे की Fast Food Tex की जिससे लोग Fast Food कम खाये और लोगो का स्वास्थय बना रहे साथ साथ जो लोग इसका सेवन करे तो इससे देश की सरकार को भी पैसा मिलता रहे। हंगरी ने (2011) में और मेक्सिको ने (2013) में यह टेक्स अमल में लाया था।  
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Fast food Lover


My Opinion & Conclusion :- 

सरकार को शराब पीलाने में कोई दिलचस्पी नहीं हे और सरकार किसी भी देशवासियो की सेहत के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहती।लेेकिन कोरोना की वजह से लॉकडाउन करना पड़ा की जिससे पूरा देश पिछले 47 दिनों से बंद पड़ा हे और आने वाले टेक्स की कमी की वजह से कोरोना जैसी महामारी से जूझने के लिए सरकार को न चाहते हुए शराब के ठेके खोलने पड़े और मजबुरन लिकर (अल्कोहोल टेक्स) टेक्स को बढ़ाना पड़ा। की जिससे सरकार के पास पैसा आए और देशवासियो को संकट से निकल सके यह मेरा Opinion हे।

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Meeting with Modi

इस तरह से बढ़ते हुए लिकर (अल्कोहोल टेक्स) टेक्स,पेट्रोल डीज़ल के दाम और सेंट्रल और स्टेट टेक्स कर देख कर Conclusion तो यही निकल ता हे की सरकार को पैसो की सख्स जरुरत हे की जिससे देश को कोरोना से बचाया जा सके।

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Note:-  "हमारा इस आर्टिकल को लिखने का उद्देश्य केवल लोगो को हिंदी ओर सरल भाषा में जानकारी देना है ना कि किसी प्रकार का किसी  के उपर आरोप लगाना । धन्यवाद ।









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